राजपूताना के इतिहास व मालवा,तथा गुजरात के इतिहास में चावडा राजपूतो का वर्णन पाया गया है। कई प्रशस्ति मै पाया गया है। इनके वंंशज वास्तु शास्त्र व मुर्ति कला के उल्लेखनीय शिल्पी हुए हैं। उस काल मै इस कला को राज परिवार के लोग व ब्राह्मण किया करते थे। समय के साथ इनके परिवार शिल्पवत सृजन के शिल्पी बन गया और कुमार शिल्पी,शिल्पकार, संतरास राजकुमार शिल्पी सलावट आदि नामों से जाना जाने लगे, इस बात का प्रमाण कुमारपाल के शासनकाल के शिलालेख चित्तोड से मिले है। वि स 1207 के लेख में वर्णित है। कि जब वह सपादलक्ष विजय करके लोट रहा था। तब वह मार्ग मै रुककर चित्तोड मै तिरीभूवन नारायण मंदिर के दर्शन किये,उस समय वहा दंडनायक सज्जन था। जो कुमार जाति का था, जिसका विसलदेव चौहान से हुए युद्ध का वर्णन है। यह शिलालेख इस बात को स्पष्ट करता है। कि आदिकालीन में कुमावत जाति का राजपूत राजवंशो से संबंध रहा है। राजपूत इतिहास में भी उस समय के चावडा राजपूतो को आज की कुमावत जाति मानी गई है। जिसका उल्लेख राजपूतो के इतिहास में दर्ज है। और चावडा राजपूतो के इलाके का वर्णन पाया गया है। उसी इलाके में कुमावत जाति की बीहुलता पाई जाती है। चावडा राजपूतो को सूर्य वंशी बताया गया है। और कुमावत भी अपने को सूर्यवंशी मानते हैं,
राजस्थान का स्थापत्य - हवेली स्थापत्य
हवेली स्थापत्य राजस्थान की पहचान स्थापत्य कला से है एवं राजस्थान का स्थापत्य कुमावत समाज की देन है ।राजस्थान में बड़े-बड़े सेठ साहूकारों तथा धनी व्यक्तियों ने अपने निवास के लिये विशाल हवेलियों का निर्माण करवाया। ये हवेलियाँ कई मंजिला होती थी। शेखावाटी, ढूँढाड़, मारवाड़ तथा मेवाड़ क्षेत्रों की हवेलियाँ स्थापत्य की दृष्टि से भिन्नता लिए हुये हैं। शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियाँ अधिक भव्य एवं कलात्मक है। जयपुर, जैसलमेर, बीकानेर, तथा शेखावाटी के रामगढ़, नवलगढ़, फतहपुर, मुकु ंदगढ़, मण्डावा, पिलानी, सरदार शहर, रतनगढ़ आदि कस्बों में खड़ी विशाल हवेलियाँ आज भी अपने स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। राजस्थान की हवेलियाँ अपने छज्जों, बरामदों और झरोखें पर बारीक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। जैसलमेर की हवेलियाँ राजपूताना के आकर्षण का केन्द्र रही है। यहाँ की पटवों की हवेली अपनी शिल्पकला, विशालता एवं अद्भुत नक्काशी के कारण प्रसिद्ध है। यह पाँच मंजिला हवेली शहर के मध्य स्थित है। इस हवेली के जाली-झरोखें बरबस ही पर्यटक को आकर्षित करते हैं। पटवों की हवेली के अतिरिक...
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