एक नजर समाज के गौरवमय इतिहास गाथा की एक झलक बड़े भाई पत्रकार आदरणीय #श्री_जितेंद्र_सिंह_शेखावत_जी की कलम से..... कुमावत शिल्पियों को प्रदत्त शिल्पकला ईश्वर का अनूठा वरदान है । सालों पहले बनाए गए गढ़,किले,मंदिर और महलों में बाल जितना भी इन्होनें दोष नहीं छोड़ा । ख़ून पसीना सींच मेहनत और ईमानदारी से काम करने में माहिर कुमावतों का कला और शिल्प आज भी मुंह बोलता है । जयपुर, आगरा, ग्वालियर,पुणे और देश में बनी इमारतों में कुमावत शिल्पियों की आत्मा बसती है। यही कारण है कि इनकी बनाई कृतियों को निहारने के लिए आज संपूर्ण संसार का पर्यटक भारत आता है । इनकी उत्कृष्ट कलाकृतियों को देख लोग, दांतों तले अंगुली दबाते हैं और कहते हैं वाह-वाह, इन कृतियों को रचनाकार को... ताजमहल,संसद भवन, राष्ट्रपति भवन के अलावा मारवाड़, ढूंढ़ाड़,मेवाड़,वागड़ और शेखावटी ही नहीं, पूरे देश में, कुमावतों की कारीगरी का डंका बजता है । मेवाड़ में मंडन, नामा, पूंजा की देख-रेख में बने अद्वितीय किलों और मंदिरों की कलाकृतियां, कुमावतों शिल्पियों के हथौड़े,करणी, छैनी और उनकी मेहनत की स्वर...
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