कुमावत समाज की अदभुत स्थापत्य कला का नमूना, सामोद का महल, 19 वी सदी मै
जयपुर के एक जागीरदार रावल शयो सिह जी इसका जिणोउदधार करवा था, इस महल की
सुंदर नक्काशी,चित्रकारी, और शीश महल का काम देखते ही बनता है।लगभग 175
वर्ष पुरानी कलाकारी आज भी नई दिखाई देती है।
हमारे समाज बंधुऔ ने इसकी
नक्काशी मै नेचुरल रंगो का स्तेमाल किया था, जिसको बनाने मै इनके महारथ
हासिल थी, हमारे वंशजों के कामो पर हमे गर्व है।
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