शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

गोविन्द देव मंदिर, मथुरा


वृन्दावन मथुरा में स्थित गोविन्द देव मंदिर का निर्माण आमेर के महाराजा मानसिंह ने संवत् 1647 में आमेर से राज शिल्पी उस्ता गोबिंद केकटिया व उस्ता गोरख मणेठिया की देखरेख मै प्रारंभ करवाया। इस मंदिर के निर्माण में मुगल बादशाह अकबर के सहयोग से मुस्लिम शिल्पीयो का भी योगदान रहा तथा यह तत्कालीन परिस्थितियों में हिन्दू मुस्लिम शिल्प कला का अदभुत नमूना है। इस मंदिर की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि औरंगजेब ने जब इस मंदिर को देखा तो इसकी भव्यता की चमक से इतना परेशान हो गया कि इसे तोडने के लिए सेना भेज  दी I जब इस बात की जानकारी महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय को हुई तो उन्होंने भगवान गोविन्द देव की मूर्ती  जयपुर भेज दी I इतिहास में जगजाहिर है की इसी मंदिर को लेकर दोनो के संबंध बिगडे। इस भव्य मंदिर को बनाने में उस समय एक करोड़ की लागत आई, इस मंदिर के लिए लाल पत्थर अकबर के द्वारा दिये गये थे। सन 1873 मै इस तोडे गये मंदिर का जीर्णोद्धार जयपुर के महाराजा द्वारा पुनः किया गया I यह मंदिर आज भी अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है I

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