मैं बात कर रहा हूँ कुमावत कारीगरों व कागडा हिमाचल के कारीगरों की स्थापत्य कला की अनुपम धरोहर
शीशमहल यानि दर्पणो का महल पटियाला पंजाब की। इस महल का निर्माण महाराजा
नरेंद्र सिंह ने (1845 से 1862) के बीच मुख्य महल मोतीबाग के पीछे
करवाया था। इस महल की छत, बगीचे व फव्वारों के साथ कृत्रिम जंगल भी बनाया गया
था। कागडा व राजस्थान के अन्य कुमावत कारीगरों के साथ-साथ लक्ष्मण सिंह कुमावत जो भिती चित्रों की चित्रकारी के प्रख्यात कलाकार थे,
उनकी देखरेख मै काँच एवँ विविध प्रकार के रंगीन भित्तिचित्रो का ऐसा मेल
किया गया जिनकी छटा देखते ही बनती है। छोटे छोटे काँच के टुकडो को तराश कर
काँच के टुकडो के बीच कागडा शैली के चित्रो को खूबसूरती से सजाया गया
है। ये कृतियाँ महल की खूबसूरती मै चार चांद लगा रही है। अपने समय में यह महल
दुनिया के सुन्दरतम महलो में शुमार था और आज यह पंजाब सरकार का संग्रहालय
है।
1 टिप्पणी:
कुमावत समाज की अनमोल विरासतों की जानकारी देने के लिए आपका आभार I
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